Daily Readings
Liturgical Year C, Cycle I
Transfiguration of the Lord - Feast
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: दानिएल का ग्रन्थ 7:9-10, 13-14
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 97:1-2, 5-6, 9
दूसरा पाठ: Second Peter 1:16-19
सुसमाचार : सन्त लूकस 9:28-36
माता मरियम की माला विनती: महिमा के पाँच भेद
Daily Readings
प्रभु का रूपान्तरण ABC
पहला पाठ: दानिएल का ग्रन्थ 7:9-10, 13-14
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 97:1-2, 5-6, 9
दूसरा पाठ: सन्त पेत्रुस का दूसरा पत्र 1:16-19
सुसमाचार: सन्त लूकस 9:28-36
First Reading
दानिएल का ग्रन्थ 7:9-10, 13-14
"सहस्त्रों उसकी सेवा कर रहे थे।"
मैं देख ही रहा था कि सिंहासन रख दिये गये और एक वयोवृद्ध व्यक्ति बैठ गया। उसके वस्त्र हिम की तरह उज्ज्वल थे और उसके सिर के केश निर्मल ऊन की तरह। उसका सिंहासन ज्वालाओं का समूह था और सिंहासन के पहिये, धधकती अग्नि। उसके सामने से आग की धारा बह रही थी। सहस्रों उसकी सेवा कर रहे थे, लाखों उसके सामने खड़े थे। न्याय की कार्यवाही प्रारम्भ हो रही थी और पुस्तकें खोल दी गयी थीं। मैं रात का दृश्य देख रहा था। और देखो! आकाश के बादलों पर मानव पुत्र जैसा कोई आया। वह वयोवृद्ध के यहाँ पहुँचा और उसके सामने लाया गया। उसे प्रभुत्व, सम्मान तथा राजत्व दिया गया। सभी देश, राष्ट्र और भिन्न-भिन्न भाषा-भाषी उसकी सेवा करेंगे। उसका प्रभुत्व अनन्त है, वह सदा ही बना रहेगा, उसके राज्य का कभी विनाश नहीं होगा। प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 97:1-2, 5-6, 9
अनुवाक्य : प्रभु समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च राजा है।
प्रभु राज्य करता है। पृथ्वी प्रफुल्लित हो जाये, असंख्य द्वीप आनन्द मनायें। अन्धकारमय बादल उसके चारों ओर मँडराते हैं। उसका सिंहासन सत्य और न्याय पर आधारित है।
अनुवाक्य : प्रभु समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च राजा है।
पृथ्वी के अधिपति के आगमन पर पर्वत मोम की तरह पिघलते हैं। आकाश प्रभु का न्याय घोषित करता है। सभी राष्ट्र उसकी महिमा देखते हैं।
अनुवाक्य : प्रभु समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च राजा है।
क्योंकि तू ही प्रभु है। तू ही समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च है, तू ही सभी देवमूर्तियों से महान् है।
अनुवाक्य : प्रभु समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च राजा है।
Second Reading
सन्त पेत्रुस का दूसरा पत्र 1:16-19
"हमने स्वयं स्वर्ग से आती हुई यह वाणी सुनी थी।"
जब हमने आप लोगों को अपने प्रभु येसु मसीह के सामर्थ्य तथा पुनरागमन के विषय में बताया तो हमने मनगढ़न्त कथाओं का सहारा नहीं लिया, बल्कि हमने अपनी ही आँखों से उनका प्रताप उस समय देखा है, जब उन्हें पिता-परमेश्वर से सम्मान तथा महिमा प्राप्त हुई और भव्य ऐश्वर्य में से उनके प्रति एक वाणी यह कहती हुई सुनाई पड़ी, "यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।" जब हम पवित्र पर्वत पर उनके साथ थे, तो हमने स्वयं स्वर्ग से आती हुई यह वाणी सुनी थी। इस घटना द्वारा नबियों की वाणी हमारे लिए और भी विश्वसनीय सिद्ध हुई। इस पर ध्यान देने में आप लोगों का कल्याण है, क्योंकि जब तक पौ नहीं फटती और आपके हृदयों में प्रभात का तारा उदित नहीं होता, तब तक नबियों की वाणी अँधेरे में चमकते हुए दीपक के सदृश है।
प्रभु की वाणी।
Gospel
सन्त लूकस 9:28-36
"प्रार्थना करते समय येसु के मुखमंडल का रूपान्तरण हो गया।"
येसु पेत्रुस, योहन और याकूब को अपने साथ ले गये और प्रार्थना करने के लिए एक पहाड़ पर चढ़े। प्रार्थना करते समय येसु के मुखमंडल का रूपान्तरण हो गया और उनके वस्त्र विद्युत की तरह उज्ज्वल हो कर जगमगाने लगे। दो पुरुष उनके साथ बात-चीत कर रहे थे। वे मूसा और एलियस थे, जो महिमा सहित प्रकट हो कर येरुसालेम में होने वाली उनकी मृत्यु के विषय में बातें कर रहे थे। पेत्रुस और उनके साथी, जो ऊँघ रहे थे, अब पूरी तरह जाग गये। उन्होंने येसु की महिमा को और उनके साथ उन दो पुरुषों को देखा। वे विदा हो ही रहे थे कि पेत्रुस ने येसु से कहा, "गुरुवर! यहाँ होना हमारे लिए कितना अच्छा है! हम तीन तम्बू खड़ा कर दें एक आपके लिए, एक मूसा और एक एलियस के लिए।" उसे पता नहीं था कि वह क्या कह रहा है। वह बोल ही रहा था कि बादल आ कर उन पर छा गया और वे बादल से घिर जाने के कारण भयभीत हो गये। बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, "यह मेरा परमप्रिय पुत्र है। इसकी सुनो।" वाणी समाप्त होने पर येसु अकेले ही रह गये। शिष्य इस सम्बन्ध चुप रहे और उन्होंने जो देखा था, उस विषय पर वे उन दिनों किसी से कुछ भी नहीं बोले।
प्रभु का सुसमाचार।