Daily Readings

Mass Readings for
10 - Oct- 2025
Friday, October 10, 2025
Liturgical Year C, Cycle I
Friday of the Twenty‑seventh week in Ordinary Time

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: Joel 1:13-15; 2:1-2
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 9:2-3, 6, 16, 8-9
सुसमाचार : सन्त लूकस 11:15-26

माता मरियम की माला विनती: दु:ख के पाँच भेद


वर्ष का सत्ताईसवाँ सप्ताह, शुक्रवार - वर्ष 1

पहला पाठ: योएल का ग्रन्थ 1:13-15; 2:1-2
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 9:2-3, 6, 16, 8-9
सुसमाचार: सन्त लूकस 11:15-26

First Reading
योएल का ग्रन्थ 1:13-15; 2:1-2
"प्रभु का दिन अन्धकार और विषाद का दिन है।"

हे याजको ! टाट ओढ़ कर शोक मनाओ। वेदी के सेवको ! विलाप करो। मेरे ईश्वर के सेवको ! शोक के वस्त्र पहन कर रात बिताओ; क्योंकि तुम्हारे ईश्वर का मंदिर नैवेद्य और तर्पण से वंचित हो गया है। उपवास की घोषणा करो, सभा बुलाओ, बूढ़ों और देश के सभी निवासियों को अपने प्रभु-ईश्वर के मंदिर में एकत्र करो और प्रभु की दुहाई दो। हाय ! वह दिन आ रहा है। प्रभु का दिन निकट आ गया है। वह सर्वशक्तिमान् की विनाश-लीला की तरह आ रहा है। सियोन में तुरही बजाओ। मेरे पवित्र पर्वत पर खतरे का घंटा बजा दो। देश के सभी निवासी काँप उठें, क्योंकि प्रभु का दिन आ रहा है, वह निकट आ गया है। वह अन्धकार और विषाद का दिन है। वह बादलों और अँधेरे का दिन है। एक बहुसंख्यक और शक्तिशाली सेना काले बादल की तरह पर्वतों पर फैल रही है। इस प्रकार की सेना न पहले कभी थी और न अनन्तकाल तक फिर कभी होगी ।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 9:2-3, 6, 16, 8-9
अनुवाक्य : प्रभु न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा।

हे प्रभु ! मैं सारे हृदय से तुझे धन्यवाद देता हूँ, मैं तेरे सभी अपूर्व कार्यों का बखान करता हूँ। मैं उल्लसित हो कर तुझ से आनन्द मनाता और तेरे पवित्र नाम के आदर में भजन गाता हूँ
अनुवाक्य : प्रभु न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा।

तूने राष्ट्रों को हटा दिया और दुष्टों का सर्वनाश किया, तूने सदा के लिए उनका नाम मिटा दिया है। राष्ट्र उस चोरगढ़े में गिरे, जिसे उन्होंने खोदा था, जो फन्दा उन्होंने लगाया था, उसी में उनके पैर फँस गये ।
अनुवाक्य : प्रभु न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा।

प्रभु का राज्य सदा बना रहेगा। वह अपने न्यायासन पर विराजमान है - वह न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा, वह सच्चाई से लोगों का विचार करेगा ।
अनुवाक्य : प्रभु न्यायपूर्वक संसार का विचार करेगा।

Gospel
सन्त लूकस 11:15-26
"यदि मैं ईश्वर के सामर्थ्य से अपदूतों को निकालता हूँ, तो ईश्वर का राज्य तुम्हारे बीच आ गया है।"

जब येसु ने एक अपदूत निकाला था, तो लोगों में से कुछ ने कहा, "यह अपदूतों के नायक बेलजेबुल की सहयता से अपदूतों को निकालता है।" कुछ लोग येसु की परीक्षा लेने के लिए उन से स्वर्ग की ओर का कोई चिह्न माँगने लगे। उनके विचार जान कर येसु ने उन से कहा, "जिस राज्य में फूट पड़ जाती है, वह उजड़ जाता है और घर के घर ढह जाते हैं। यदि शैतान अपने ही विरुद्ध विद्रोह करने लगे, तो उसका राज्य कैसे टिका रहेगा? तुम कहते हो कि मैं बेलजेबुल की सहायता से अपदूतों को निकालता हूँ। यदि मैं बेलजेबुल की सहायता से अपदूतों को निकालता हूँ, तो तुम्हारे बेटे किसकी सहायता से उन्हें निकालते हैं? इसलिए वे तुम लोगों का न्याय करेंगे। परन्तु यदि मैं ईश्वर के सामर्थ्य से अपदूतों को निकालता हूँ, तो निस्संदेह ईश्वर का राज्य तुम्हारे बीच आ गया है।" "यदि कोई बलवान् मनुष्य हथियार बाँध कर अपने घर की रखवाली करता हो तो उसकी धन-सम्पत्ति सुरक्षित रहती है । पर यदि कोई उस से भी बलवान् उस पर टूट पड़े और उसे हरा दे, तो जिन हथियारों पर उसका भरोसा था, वह उन्हें उस से छीन लेता है और उसका माल लूट कर बाँट देता है।" "जो मेरे साथ नहीं है, वह मेरा विरोधी है और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिखेरता है।" "जब अशुद्ध आत्मा किसी मनुष्य से निकलता है, तो वह विश्राम की खोज में निर्जन स्थानों में भटकता फिरता है। विश्राम न मिलने पर वह कहता है; 'जहाँ से निकला हूँ, अपने उसी घर को वापस जाऊँगा' । लौट कर वह उस घर को झाड़ा-बुहारा और सजाया हुआ पाता है। तब वह जा कर अपने से भी बुरे सात अपदूतों को ले आता है और वे उस घर में घुस कर वहीं बस जाते हैं। और उस मनुष्य की यह पिछली दशा पहली से भी बुरी हो जाती है।"

प्रभु का सुसमाचार।