Daily Readings

Mass Readings for
04 - Dec- 2025
Thursday, December 4, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
Thursday of the First week of Advent

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 26:1-6
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 118:1, 8-9, 19-21, 25-27
सुसमाचार : सन्त मत्ती 7:21, 24-27
or
पहला पाठ: Second Timothy 1:13-14; 2:1-3

Saint John Damascene, priest and doctor - Optional Memorial

माता मरियम की माला विनती: ज्योति के पाँच भेद


आगमन का पहला सप्ताह, बृहस्पतिवार

पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 26:1-6
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 118:1, 8-9, 19-21, 25-27
दूसरा पाठ: तिमथी के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 1:13-14; 2:1-3
सुसमाचार: सन्त मत्ती 7:21, 24-27

First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 26:1-6
“सद्धर्मी राष्ट्‌ उस में प्रवेश करेगा।”

उस दिन यूदा देश में यह गीत गाया जायेगा : हमारा नगर सुदृढ़ है। उसने हमारी रक्षा के लिए प्राचीर और चहारदीवारी बनायी है। फाटकों को खोल दो - सद्धर्मी और विश्वासी राष्ट्र प्रवेश करे। तू दृढ़तापूर्वक शांति बनाये रखता है, क्योंकि इस राष्ट्र को तुझ पर भरोसा है। प्रभु पर सदा ही भरोसा रखो, क्योंकि वही चिरस्थायी चट्टान है। वह ऊँचाई पर निवास करने वालों को नीचा दिखाता है। वह उनका दुर्गम गढ़ तोड़ कर गिराता और धूल में मिला देता है। अब तो दीन-हीन और दरिद्र उसे पैरों तले रौंदते हैं।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 118:1, 8-9, 19-21, 25-27
अनुवाक्य : धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

प्रभु का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम अनन्तकाल तक बना रहता है। मनुष्यों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण लेना ही अच्छा है। शासकों पर भरोसा रखने की अपेक्षा प्रभु की शरण लेना ही अच्छा है।
अनुवाक्य : धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

मेरे लिए मंदिर के द्वार खोल दो। मैं उस में प्रवेश कर प्रभु को धन्यवाद दूँगा। यह प्रभु का द्वार है, जहाँ धर्मी प्रवेश पाते हैं। मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ ; तूने मेरी प्रार्थना सुनी और मेरा उद्धार किया हे।
अनुवाक्य : धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

हे प्रभु ! हमारा उद्धार कर। हे प्रभु ! हमें सुख-शांति प्रदान कर। धन्य है वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। प्रभु-ईश्वर हमें ज्योति प्रदान करे।
अनुवाक्य : धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम पर आते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

Second Reading
तिमथी के नाम सन्त पौलुस का दूसरा पत्र 1:13-14; 2:1-3


Gospel
सन्त मत्ती 7:21, 24-27
“जो पिता की इच्छा पूरी करता है, वही स्वर्गराज्य में प्रवेश करेगा।”
येसु ने अपने शिष्यों से कहा, “जो लोग 'हे प्रभु ! हे प्रभु !' कह कर मुझे पुकारते हैं, उन में से सब के सब स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करेंगे। जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा पूरी करता है, वही स्वर्गराज्य में प्रवेश करेगा। जो मेरी ये बातें सुनता और उन पर चलता है, वह उस समझदार मनुष्य के सदृश है जिसने चट्टान पर अपना घर बनवाया। पानी बरसा, नदियों में बाढ़ आयी, आंधियाँ चलीं और उस घर से टकरायीं। तब भी वह घर नहीं ढहा, क्योंकि उसकी नींव चट्टान पर डाली गयी थी। जो मेरी ये बातें सुनता है, किन्तु उन पर नहीं चलता, वह उस मूर्ख के सदृश है, जिसने बालू पर अपना घर बनवाया। पानी बरसा, नदियों में बाढ आयी, आँधियाँ चलीं और उस घर से टकरायीं। वह घर ढह गया और उसका सर्वनाश हो गया।''

प्रभु का सुसमाचार।