Daily Readings

Mass Readings for
23 - Nov- 2025
Sunday, November 23, 2025
Liturgical Year C, Cycle I

Christ the King - Solemnity

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: समूएल का दूसरा ग्रन्थ 5:1-3
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 122:1-2, 3-4, 4-5
दूसरा पाठ: Colossians 1:12-20
सुसमाचार : सन्त लूकस 23:35-43

माता मरियम की माला विनती: महिमा के पाँच भेद


वर्ष का चौंतीसवाँ इतवार - वर्ष C - ख्रीस्त राजा का पर्व

पहला पाठ: समूएल का दूसरा ग्रन्थ 5:1-3
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 122:1-2, 3-4, 4-5
दूसरा पाठ: कलोसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:12-20
सुसमाचार: सन्त लूकस 23:35-43

First Reading
समूएल का दूसरा ग्रन्थ 5:1-3
"उन्होंने दाऊद को इस्राएल के राजा का अभिषेक दिया।"

इस्राएल के सभी वंशों ने हेब्रोन में दाऊद के पास आ कर कहा, "देखिए, हम आपके रक्त सम्बन्धी हैं। पहले भी, जब साऊल हम पर राज्य करते थे, आप ही इस्राएलियों को युद्ध के लिए ले जाते और वापस लाते थे। प्रभु ने आप से कहा है, 'तुम ही मेरी प्रजा इस्राएल के चरवाहा, इस्राएल के शासक बन जाओगे'।" इस्राएल के सभी नेता हेब्रोन में राजा के पास आये और दाऊद ने हेब्रोन में प्रभु के सामने, उनके साथ समझौता कर लिया। और उन्होंने दाऊद को इस्राएल के राजा का अभिषेक दिया।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 122:1-2, 3-4, 4-5
अनुवाक्य : मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - "आओ! हम ईश्वर के मंदिर चलें"।

मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - "आओ, हम ईश्वर के मंदिर चलें"। हे येरुसालेम! अब हम पहुँचे हैं, हमने तेरे फाटकों में प्रवेश किया है।
अनुवाक्य : मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - "आओ! हम ईश्वर के मंदिर चलें"।

येरुसालेम का पुनर्निर्माण हो गया है, उसके नागरिक एकता के सूत्र में बँधे हुए हैं। यहाँ इस्राएल के वंश, प्रभु के वंश आते हैं।
अनुवाक्य : मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - "आओ! हम ईश्वर के मंदिर चलें"।

वे ईश्वर का स्तुतिगान करने आते हैं, जैसा कि इस्राएल को आदेश मिला है। यहाँ न्याय के आसन संस्थापित हैं और दाऊद के वंश का सिंहासन भी।
अनुवाक्य : मुझे यह सुन कर कितना आनन्द हुआ - "आओ! हम ईश्वर के मंदिर चलें"।

Second Reading
कलोसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:12-20
"ईश्वर हमें अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया है।"
आप लोग ईश्वर की महिमामय शक्ति से बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे, सब कुछ आनन्द के साथ सह सकेंगे और पिता को धन्यवाद देंगे जिसने आप को इस योग्य बना दिया कि आप ज्योति के राज्य में रहने वाले सन्तों के सहभागी बन जायें। ईश्वर हमें अंधकार की अधीनता से निकाल कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया है। उसी पुत्र के द्वारा हमारा उद्धार हुआ और हमें पापों की क्षमा प्राप्त है। येसु मसीह अदृश्य ईश्वर के प्रतिरूप तथा समस्त सृष्टि के पहलौठे हैं; क्योंकि उन्हीं के द्वारा सब कुछ की सृष्टि हुई है। सब कुछ चाहे वह स्वर्ग में हो या पृथ्वी पर, चाहे दृश्य हो या अदृश्य, और स्वर्गदूत की श्रेणियाँ भी सब कुछ उनके द्वारा और उनके लिए सृष्ट किया गया है। वह समस्त सृष्टि के पहले से विद्यमान हैं और समस्त सृष्टि उन में ही बनी हुई है। वही शरीर अर्थात् कलीसिया के शीर्ष हैं। वही मूल कारण हैं और मृतकों में से प्रथम जी उठने वाले भी, इसलिए वह सभी बातों में सर्वश्रेष्ठ हैं। ईश्वर ने चाहा कि उन में सब प्रकार की परिपूर्णता हो। मसीह ने क्रूस पर जो रक्त बहाया है, उसके द्वारा ईश्वर ने शान्ति की स्थापना की। इस तरह ईश्वर ने उन्हीं के द्वारा सब कुछ का, चाहे वह पृथ्वी पर हो या स्वर्ग में, अपने से मेल कराया है।

प्रभु की वाणी।

Gospel
सन्त लूकस 23:35-43
"प्रभु, जब आप अपने राज्य में आयेंगे, तो मुझे याद कीजिए।"

जनता वहाँ रुक कर यह सब देख रही थी। नेता यह कहते हुए उनका उपहास करते थे, "इसने दूसरों को बचाया। यदि यह ईश्वर का मसीह और कृपापात्र है, तो अपने को बचाये"। सैनिक भी उनका उपहास करते थे। वे पास आ कर उन्हें खट्टी अंगूरी देते हुए कहते थे, "यदि तू यहूदियों का राजा हो, तो अपने को बचा"। येसु के ऊपर लिखा हुआ था, "यह यहूदियों का राजा है"। क्रूस पर चढ़ाये हुए कुकर्मियों में से एक इस प्रकार येसु की निन्दा करता था, "तू मसीह है न? तो अपने को और हमें भी बचा"। पर दूसरे ने उसे डाँट कर कहा, "क्या तुझे ईश्वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दण्ड भोग रहा है। हमारा दण्ड न्यायसंगत ही है, क्योंकि हम अपनी करनी का फल भोग रहे हैं; पर इन्होंने कोई अपराध नहीं किया है"। तब उसने कहा, "येसु! जब आप अपने राज्य में आयेंगे, तो मुझे याद कीजिएगा"। उन्होंने उस से कहा, "मैं तुम से कहे देता हूँ, तुम आज ही परलोक में मेरे साथ होगे"।

प्रभु का सुसमाचार।