Daily Readings

Mass Readings for
06 - Dec- 2025
Saturday, December 6, 2025
Liturgical Year A, Cycle II
Saturday of the First week of Advent

दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 30:19-21, 23-26
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 147:1-2, 3-4, 5-6
सुसमाचार : सन्त मत्ती 9:35-10:1, 6-8

Saint Nicholas, bishop - Optional Memorial

माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद


आगमन का पहला सप्ताह, शनिवार

पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 19-21, 23-26
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 147:1-2, 3-4, 5-6
सुसमाचार: सन्त मत्ती 9:35-10:1, 6-8

First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 19-21, 23-26
“वह तुम्हारी दुहाई सुनते ही तुम्हारी सहायता करेगा। ''

इस्राएल का परमपावन प्रभु-ईश्वर यह कहता है - येरुसालेम में रहने वाली सियोन की प्रजा ! अब से तुम लोगों को रोना नहीं पड़ेगा। प्रभु तुम पर अवश्य दया करेगा, वह तुम्हारी दुहाई सुनते ही तुम्हारी सहायता करेगा। प्रभु ने तुम्हें विपत्ति की रोटी खिलायी और दुःख का जल पिलाया है; किन्तु अब तुम्हें शिक्षा प्रदान करने वाला प्रभु अदृश्य नहीं रहेगा - तुम अपनी आँखों से उसके दर्शन करोगे। यदि तुम सम्मार्ग से दायें या बायें भटक जाओगे, तो तुम पीछे से यह वाणी अपने कानों से सुनोगे - “सच्चा मार्ग यह है; इसी पर चलते रहो”। वह तुम्हारे बोये हुए बीज को वर्षा प्रदान करेगा और तुम अपने खेतों की भरपूर उपज से पुष्टिदायक रोटी खाओगे। उस दिन तुम्हारे चौपाये विशाल चरागाहों में चरेंगे। खेत में काम करने वाले बैल और गधे, सूप और डलिया से फटकी हुई, नमक मिली हुई भूसी खायेंगे। महावध के दिन, जब गढ़ तोड़ दिये जायेंगे, तो हर एक उत्तुंग पर्वत और हर एक ऊँची पहाड़ी से उमड़ती हुईं जल-धाराएँ फूट निकलेंगी। जिस दिन प्रभु अपनी प्रजा के टूटे हुए अंगों पर पट्टी बाँधेगा और उसकी चोटों के घावों को चंगा करेगा, उस दिन चन्द्रमा का प्रकाश सूर्य की तरह होगा और सूर्य का प्रकाश - सात दिनों के सम्मिलित प्रकाश के सदृश - सतगुना प्रचण्ड हो उठेगा।

प्रभु की वाणी।

Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 147:1-2, 3-4, 5-6
अनुवाक्य : धन्य हैं वे, जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

प्रभु की स्तुति करो, क्योंकि वह भला है। दयालु ईश्वर के भजन गाओ, क्योंकि यह हमारे लिए उचित है। प्रभु येरुसालेम फिर बनवाता और इस्नाएली निर्वासितों को एकत्र कर लेता है।
अनुवाक्य : धन्य हैं वे, जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

वह दुःखियों को दिलासा देता और उनके घावों पर पट्टी बाँधता है। वह तारों की संख्या निर्धारित करता और प्रत्येक का नाम जानता है।
अनुवाक्य : धन्य हैं वे, जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

हमारा प्रभु महान्‌ शक्तिमान्‌ और सर्वज्ञ है। वह दीनों को ऊपर उठाता और विधर्मियों को नीचे गिराता है।
अनुवाक्य : धन्य हैं वे, जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं। (अथवा : अल्लेलूया !)

Gospel
सन्त मत्ती 9:35-10:1, 6-8
“लोगों को देख कर उन्हें उन पर तरस आया। ''

येसु सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते, हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करते हुए, सब नगरों और गाँवों में घूमते रहते थे। लोगों को देख कर येसु को उन पर तरस आया, क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों की तरह थके-माँदे पड़े हुए थे। उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “'फ़सल तो बहुत है, परन्तु मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए फ़सल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी 'फ़सल काटने के लिए मज़दूरों को भेजे'!। येसु ने अपने बारह शिष्यों को अपने पास बुला कर उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया और अशुद्ध आत्माओं को निकालने तथा हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करने की शक्ति प्रदान की। येसु ने इन बारहों को ये अनुदेश दे कर भेजा, “अन्य राष्ट्रों के यहाँ मत जाओ और समारियों के नगरों में प्रवेश मत करो, बल्कि इस्राएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों के यहाँ जाओ। राह चलते यह उपदेश दिया करो - स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है। रोगियों को चंगा करो, मुरदों को जिलाओ, कोढ़ियों को शुद्ध करो, नरक-दूतों को निकालो। तुम्हें मुफ्त में मिला है, मुफ्त में दे दो। “

प्रभु का सुसमाचार।