Daily Readings
Liturgical Year C, Cycle I
Fourteenth Sunday in Ordinary Time
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 66:10-14
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 66:1-3, 4-5, 6-7, 16, 20
दूसरा पाठ: Galatians 6:14-18
सुसमाचार : सन्त लूकस 10:1-12, 17-20 or 10:1-9
माता मरियम की माला विनती: महिमा के पाँच भेद
Daily Readings
वर्ष का चौदहवाँ सप्ताह, इतवार – वर्ष C
पहला पाठ: इसायाह का ग्रन्थ 66:10-14
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 66:1-3, 4-5, 6-7, 16, 20
दूसरा पाठ: गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 6:14-18
सुसमाचार: सन्त लूकस 10:1-12, 17-20 or 10:1-9
First Reading
इसायाह का ग्रन्थ 66:10-14
"मैं येरुसालेम को आनन्द का संदेश देता हूँ।"
येरुसालेम के साथ आनन्द मनाओ। तुम जो येरुसालेम को प्यार करते हो, उसके कारण उल्लास के गीत गाओ। तुम जो उसके लिए विलाप करते थे, उसके कारण आनन्दित हो जाओ। तुम उसकी सन्तान होने के नाते सान्त्वना का दूध पीते हुए तृप्त हो जाओगे, तुम उसकी गोद में बैठ कर उसकी महिमा पर गौरव करोगे। क्योंकि प्रभु यह कहता है, "मैं शांति को नदी की तरह और राष्ट्रों की महिमा का बाढ़ की तरह येरुसालेम की ओर बहा दूँगा"। उसकी सन्तान को गोद में उठाया और घुटनों पर दुलारा जायेगा। माँ जिस तरह अपने पुत्र को दिलासा देती है, उसी तरह मैं तुम्हें सांत्वना दूँगा। तुम्हें येरुसालेम से दिलासा मिल जायेगा। तुम्हारा हृदय यह देख कर आनन्दित हो उठेगा, तुम्हारी हड्डियाँ हरी-भरी घास की तरह लहलहा उठेंगी। प्रभु अपने सेवकों के लिए अपना सामर्थ्य प्रदर्शित करेगा।
प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 66:1-3, 4-5, 6-7, 16, 20
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे।
समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे, उसके महिमामय नाम का गीत गाये और उसकी महिमा का स्तुतिगान करे। वह ईश्वर से यह कहे, "तेरे कार्य अपूर्व हैं"।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे।
समस्त पृथ्वी तेरा दण्डवत् करती और तेरे महिमामय नाम का गीत गाती है। आओ, ईश्वर के कार्यों का ध्यान करो - उसने पृथ्वी पर कितने महान् कार्य किये हैं।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे।
उसने समुद्र को स्थल में बदल दिया और उन लोगों ने नदी को पैदल ही पार किया। हम प्रभु की सेवा करते-करते आनन्द मनायें। वह शक्तिमान् है और उसका शासन अनन्तकाल तक बना रहेगा।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे।
हे प्रभु-भक्तो ! आओ और सुनो, मैं तुम्हें बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या किया है। धन्य है ईश्वर ! उसने मेरी प्रार्थना नहीं ठुकरायी और मुझे अपने प्रेम से वंचित नहीं किया।
अनुवाक्य : समस्त पृथ्वी ईश्वर को धन्य कहे।
Second Reading
गलातियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 6:14-18
“येसु मसीह के चिह्न मेरे शरीर पर अंकित हैं।"
मैं केवल हमारे प्रभु येसु मसीह के क्रूस पर गौरव करता हूँ। उन्हीं के कारण संसार मेरी दृष्टि में मर गया है और मैं संसार की दृष्टि में। किसी का खतना हुआ हो अथवा नहीं, इसका कोई महत्त्व नहीं। महत्त्व इस बात का है कि हम पूर्ण रूप से एक नयी सृष्टि बन जायें। इस सिद्धान्त के अनुसार चलने वालों को और ईश्वर के इस्स्राएल को शांति और दया मिले। अब से कोई भी मुझे तंग न करे। येसु के चिह्न मेरे शरीर पर अंकित हैं। भाइयो ! हमारे प्रभु येसु मसीह की कृपा आप लोगों के साथ हो। आमेन।
प्रभु की वाणी।
Gospel
सन्त लूकस 10:1-12, 17-20 or 10:1-9
"तुम्हारी शांति उस मनुष्य पर ठहरेगी।"
प्रभु ने अन्य बहत्तर शिष्य को नियुक्त किये और जिस-जिस नगर और गाँव में वह स्वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्हें अपने आगे भेजा। उन्होंने उन से कहा, "फ़सल तो बहुत है, परन्तु मज़दूर थोड़े हैं; इसलिए फ़सल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी फ़सल काटने के लिए मज़दूरों को भेजे। जाओ, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेजता हूँ। तुम न थैली, न झोली, और न जूते ले जाओ और रास्ते में किसी को नमस्कार मत करो। जिस घर में प्रवेश करो, सब से पहले यह कहो, 'इस घर को शांति' ! यदि वहाँ शांति के योग्य कोई होगा, तो तुम्हारी शांति उस पर ठहरेगी, नहीं तो वह तुम्हारे पास लौट आयेगी। उसी घर में ठहरे रहो और जो उनके पास हो, वही खाओ-पियो; क्योंकि मज़दूर को मज़दूरी का अधिकार है। घर पर घर बदलते न रहो। जिस नगर में प्रवेश करते हो और वे तुम्हारा स्वागत करें, तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाये, वही खा लो। वहाँ के रोगियों को चंगा करो और उन से कहो, 'ईश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है'।
[परन्तु यदि किसी नगर में प्रवेश करते हो और वे तुम्हारा स्वागत नहीं करते, तो वहाँ के बाजारों में जा कर कहो, 'अपने पैरों में लगी तुम्हारे नगर की धूल तक हम तुम्हारे सामने झाड़ देते हैं। तब भी यह जान लो कि ईश्वर का राज्य आ गया है'। मैं तुम से कहे देता हूँ न्याय के दिन उस नगर की दशा की अपेक्षा सोदोम की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी"। बहत्तर शिष्य सानन्द लौटे और बोले, "हे प्रभु! आपके नाम के कारण अपदूत भी हमारे अधीन हैं"। येसु ने उन्हें उत्तर दिया, "मैंने शैतान को बिजली की तरह स्वर्ग से गिरते देखा। मैंने तुम्हें साँपों, बिच्छुओं और बैरी की सारी शक्ति को कुचलने का सामर्थ्य दिया है कुछ भी तुम्हें हानि नहीं पहुँचा सकेगा। लेकिन, इसलिए आनन्दित न हो कि अपदूत तुम्हारे अधीन होते है; बल्कि इसलिए आनन्दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं।"
प्रभु का सुसमाचार।