Daily Readings
Liturgical Year C, Cycle I
Our Lady of Sorrows - Memorial
दैनिक पाठ:
पहला पाठ: इब्रानियों 5:7-9
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ 31:2-3, 3-4, 5-6, 15-16, 20
सुसमाचार : सन्त योहन 19:25-27 or सन्त लूकस 2:33-35
(or)
पहला पाठ: 1 Timothy 2:1-8
स्तोत्र: स्तोत्र ग्रन्थ स्तोत्र ग्रन्थ: 28:2,7,, 8-9
सुसमाचार : सन्त योहन 19:25-27 or सन्त लूकस 2:33-35
माता मरियम की माला विनती: आनन्द के पाँच भेद
Daily Readings
धन्य कुँवारी मरियम के दुःखों का पर्व -अनिवार्य स्मरण
पहला पाठ: इब्रानियों के नाम पत्र 5:7-9
भंजन: स्तोत्र ग्रन्थ 31:2-3, 3-4, 5-6, 15-16, 20
सुसमाचार: सन्त योहन 19:25-27 or सन्त लूकस 2:33-35
First Reading
इब्रानियों के नाम पत्र 5:7-9
"उन्होंने आज्ञापालन सीख लिया और वह अनन्त मुक्ति का स्त्रोत बन गये।"
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा कर ईश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धालुता के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी। ईश्वर का पुत्र होने पर भी उन्होंने दुःख सह कर आज्ञापालन सीख लिया। वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर उन सबों के लिए अनन्त मुक्ति का स्त्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
प्रभु की वाणी।
Responsorial Psalm
स्तोत्र ग्रन्थ 31:2-3, 3-4, 5-6, 15-16, 20
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
हे प्रभु ! मैं तेरी शरण में आया हूँ। मुझे कभी निराश नहीं होने दे। तू सत्यप्रतिज्ञ है, मेरा उद्धार कर। मेरी सुन और मुझे शीघ्र ही छुड़ाने की कृपा कर।
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
तू मेरे लिए आश्रय की चट्टान और रक्षा का शक्तिशाली गढ़ बन जा, क्योंकि तू ही मेरी चट्टान है और मेरा गढ़। अपने नाम के हेतु तू मेरा पथप्रदर्शन कर।
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
उन्होंने मेरे लिए जो जाल बिछाया है, तू मुझे उस से छुड़ा, क्योंकि तू ही मेरा सहारा है। मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंप देता हूँ। हे प्रभु ! तू ही मेरा उद्धार करेगा।
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
हे प्रभु ! तुझ पर ही मेरा भरोसा है। मैंने कहा, तू ही मेरा ईश्वर है। तेरे ही हाथों मेरा भाग्य है। शत्रुओं और अत्याचारियों से मुझे बचा।
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
हे प्रभु ! तेरी भलाई कितनी अपार है! तू अपने भक्तों के लिए कितना दयालु है! जो तेरी शरण में आते हैं तू उन्हें सबों के सामने आश्रय देता है।
अनुवाक्य : तू दयासागर है, मुझे बचाने की कृपा कर।
Gospel
सन्त योहन 19:25-27 or सन्त लूकस 2:33-35
“वह कोमलहृदय माता अपने पुत्र की यन्त्रणा देख कर रोती और बिलपती थी।"
येसु की माता, उसकी बहन, क्लोपस की पत्नी मरियम और मरियम मगदलेना, उनके क्रूस के पास खड़ी थीं। येसु ने अपनी माता को और उनके पास अपने उस शिष्य को, जिसे वह प्यार करते थे, देखा। उन्होंने अपनी माता से कहा, "भद्रे, यह आपका पुत्र है।" इसके बाद उन्होंने उस शिष्य से कहा, "यह तुम्हारी माता है।" उस समय से उस शिष्य ने उसे अपने यहाँ आश्रय दिया।
प्रभु का सुसमाचार।
वैकल्पिक सुसमाचार
लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार 2:33-35
“एक तलवार आपके हृदय को आर-पार बेधेगी।"
बालक के विषय में सिमेयोन की बातें सुन कर उसके माता-पिता अचम्भे में पड़ गये। सिमेयोन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उसकी माता मरियम से यह कहा, "देखिए, इस बालक के कारण इस्राएल में बहुतों का पतन और उत्थान होगा। यह एक चिह्न है जिसका विरोध किया जायेगा, जिससे बहुत-से हृदयों के विचार प्रकट हो जायें और एक तलवार आपके हृदय को आर-पार बेधेगी।"
प्रभु का सुसमाचार।