1 तब एप्रैमी पुरूषोंने गिदाने से कहा, तू ने हमारे साय ऐसा बर्ताव क्योंकिया है, कि जब तू मिद्यान से लड़ने को चला तब हम को नहीं बुलवाया? सो उन्होंने उस से बड़ा फगड़ा किया।
2 उस ने उन से कहा, मैं ने तुम्हारे समान भला अब किया ही क्या है? क्या एप्रैम की छोड़ी हुई दाख भी अबीएजेर की सब फसल से अच्छी नहीं है?
3 तुम्हारे ही हाथोंमें परमेश्वर ने ओरब और जेब नाम मिद्यान के हाकिमोंको कर दिया; तब तुम्हारे बराबर मैं कर ही क्या सका? जब उस ने यह बात कही, तब उनका जी उसकी ओर से ठंड़ा हो गया।।
4 तब गिदोन और उसके संग तीनोंसौ पुरूष, जो यके मान्दे थे तौभी खदेड़ते ही रहे थे, यरदन के तीर आकर पार हो गए।
5 तब उस ने सुक्कोत के लोगोंसे कहा, मेरे पीछे इन आनेवालोंको रोटियां दो, क्योंकि थे यके मान्दे हैं; और मैं मिद्यान के जेबह और सल्मुन्ना नाम राजाओं का पीछा कर रहा हूं।
6 सुक्कोत के हाकिमोंने उत्तर दिया, क्या जेबह और सल्मुन्ना तेरे हाथ में पड़ चुके हैं, कि हम तेरी सेना को रोटी दे?
7 गिदोन ने कहा, जब यहोवा जेबह और सल्मुन्ना को मेरे हाथ में कर देगा, तब मैं इस बात के कारण तुम को जंगल के कटीले और बिच्छू पेड़ोंसे नुचवाऊंगा।
8 वहां से वह पनूएल को गया, और वहां के लोगोंसे ऐसी ही बात कही; और पनूएल के लोगोंने सुक्कोत के लोगोंका सा उत्तर दिया।
9 उस ने पनूएल के लोगोंसे कहा, जब मैं कुशल से लौट आऊंगा, तब इस गुम्मट को ढा दूंगा।।
10 जेबह और सल्मुन्ना तो कर्कोर में थे, और उनके साय कोई पन्द्रह हजार पुरूषोंकी सेना यी, क्योंकि पूविर्योंकी सारी सेना में से उतने ही रह गए थे; जो मारे गए थे वे एक लाख बीस हजार हयियारबन्द थे।
11 तब गिदोन ने नोबह और योग्बहा के पूर्व की ओर डेरोंमें रहनेवालोंके मार्ग में चढ़कर उस सेना को जो निडर पक्की यी मार लिया।
12 और जब जेबह और सल्मुन्ना को पकड़ लिया, और सारी सेना को भगा दिया।
13 और योआश का पुत्र गिदोन हेरेस नाम चढ़ाई पर से लड़ाई से लौटा।
14 और सुक्कोत के एक जवान पुरूष को पकड़कर उस से पूछा, और उस ने सुक्कोत के सतहत्तरोंहाकिमोंऔर वृद्ध लोगोंके पके लिखवाथे।
15 तब वह सुक्कोत के मनुष्योंके पास जाकर कहने लगा, जेबह और सल्मुन्ना को देखा, जिनके विषय में तुम ने यह कहकर मुझे चिढ़ाया या, कि क्या जेबह और सल्मुन्ना अभी तेरे हाथ में हैं, कि हम तेरे यके मान्दे जनोंको रोटी दें?
16 तब उस ने उस नगर के वृद्ध लोगोंको पकड़ा, और जंगल के कटीले और बिच्छू पेड़ लेकर सुक्कोत के पुरूषोंको कुछ सिखाया।
17 और उस ने पनूएल के गुम्मट को ढा दिया, और उस नगर के मनुष्योंको घात किया।
18 फिर उस ने जेबह और सल्मुन्ना से पूछा, जो मनुष्य तुम ने ताबोर पर घात किए थे वे कैसे थे? उन्होंने उत्तर दिया, जैसा तू वैसे ही वे भी थे अर्यात् एक एक का रूप राजकुमार का सा या।
19 उस ने कहा, वे तो मेरे भाई, वरन मेरे सहोदर भाई थे; यहोवा के जीवन की शपय, यदि तुम ने उनको जीवित छोड़ा होता, तो मैं तुम को घान न करता।
20 तब उस ने अपके जेठे पुत्र यतेरे से कहा, उठकर इन्हें घात कर। परन्तु जवान ने अपक्की तलवार न खींची, क्योंकि वह उस समय तक लड़का ही या, इसलिथे वह डर गया।
21 तब जेबह और सल्मुन्ना ने कहा, तू उठकर हम पर प्रहार कर; क्योंकि जैसा पुरूष हो, वैसा ही उसका पौरूष भी होगा। तब गिदोन ने उठकर जेबह और सल्मुन्ना को घात किया; और उनके ऊंटोंके गलोंके चन्द्रहारोंको ले लिया।।
22 तब इस्राएल के पुरूषोंने गिदोन से कहा, तू हमारे ऊपर प्रभुता कर, तू और तेरा पुत्र और पोता भी प्रभुता करे; क्योंकि तू ने हम को मिद्यान के हाथ से छुड़ाया है।
23 गिदोन ने उन से कहा, मैं तुम्हारे ऊपर प्रभुता न करूंगा, और न मेरा पुत्र तुम्हारे ऊपर प्रभुता करेगा; यहोवा ही तुम पर प्रभुता करेगा।
24 फिर गिदोन ने उन से कहा, मैं तुम से कुछ मांगता हूं; अर्यात् तुम मुझ को अपक्की अपक्की लूट में की बालियां दो। (वे तो इशमाएली थे, इस कारण उनकी बालियां सोने की यीं।) उन्होंने कहा, निश्चय हम देंगे।
25 तब उन्होंने कपड़ा बिछाकर उस में अपक्की अपक्की लूट में से निकालकर बालियां डाल दीं।
26 जो सोने की बालियां उस ने मांग लीं उनका तौल एक हजार सात सौ शेकेल हुआ; और उनको छोड़ चन्द्रहार, फुमके, और बैंगनी रंग के वस्त्र जो मिद्यानियोंके राजा पहिने थे, और उनके ऊंटोंके गलोंकी जंजीर।
27 उनका गिदोन ने एक एपोद बनवाकर अपके ओप्रा नाम नगर में रखा; और सब इस्राएल वहां व्यभिचारिणी की नाईं उसके पीछे हो लिया, और वह गिदोन और उसके घराने के लिथे फन्दा ठहरा।
28 इस प्रकार मिद्यान इस्रालियोंसे दब गया, और फिर सिर न उठाया। और गिदोन के जीवन भर अर्यात् चालीस वर्ष तक देश चैन से रहा।
29 योआश का पुत्र यरूब्बाल तो जाकर अपके घर में रहने लगा।
30 और गिदोन के सत्तर बेटे उत्पन्न हुए, क्योंकि उसके बहुत स्त्रियां यीं।
31 और उसकी जो एक रखेली शकेम में रहती यी उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, और गिदोन ने उसका नाम अबीमेलेक रखा।
32 निदान योआश का पुत्र गिदोन पूरे बुढ़ापे में मर गया, और अबीएजेरियोंके ओप्रा नाम गांव में उसके पिता योआश की कबर में उसको मिट्टी दी गई।।
33 गिदोन के मरते ही इस्राएली फिर गए, और व्यभिचारिणी की नाईं बाल देवताओं के पीछे हो लिए, और बालबरीत को अपना देवता मान लिया।
34 और इस्राएलियोंने अपके परमेश्वर यहोवा को, जिस ने उनको चारोंओर के सब शत्रुओं के हाथ से छुड़ाया या, स्मरण न रखा;
35 और न उन्होंने यरूब्बाल अर्यात् गिदोन की उस सारी भलाई के अनुसार जो उस ने इस्राएलियोंके साय की यी उसके घराने को प्रीति दिखाई।।