1 जब मैं इस्राएल को चंगा करता हूं तब एप्रैम का अधर्म और शोमरोन की बुराइयां प्रगट हो जाती हैं; वे छल से काम करते हैं, चोर भीतर घुसता, और डाकुओं का दल बाहर छीन लेता है।
2 तौभी वे नहीं सोचते कि यहोवा हमारी सारी बुराई को स्मरण रखता है। इसलिथे अब वे अपके कामोंके जाल में फसेंगे, क्योंकि उनके कार्य मेरी दृष्टि में बने हैं।
3 वे राजा को बुराई करने से, और हाकिमोंको फूठ बोलने से आनन्दित करते हैं।
4 वे सब के सब व्यभिचारी हैं; वे उस तन्दूर के समान हैं जिसको पकानेवाला गर्म करता है, पर जब तक आटा गूंधा नहीं जाता और खमीर से फूल नहीं चुकता, तब तक वह आग को नहीं उसकाता।
5 हमारे राजा के जन्म दिन में हाकिम दाखमधु पीकर चूर हुए; उस ने ठट्ठा करनेवालोंसे अपना हाथ मिलाया।
6 जब तक वे घात लगाए रहते हैं, तब तक वे अपना मन तन्दूर की नाई तैयार किए रहते हैं; उनका पकानेवाला रात भर सोता रहता है; वह भोर को तन्दूर की धधकती लौ के समान लाल हो जाता है।
7 वे सब के सब तन्दूर की नाई धधकते, और अपके न्यायियोंको भस्म करते हैं। उनके सब राजा मारे गए हैं; और उन में से कोई मेरी दोहाई नहीं देता है।।
8 एप्रैम देश देश के लोगोंसे मिलाजुला रहता है; एप्रैम ऐसी चपाती ठहरा है जो उलटी न गई हो।
9 परदेशियोंने उसका बल तोड़ डाला, परन्तु वह इसे नहीं जानता; उसके सिर में कहीं कहीं पके बाल हैं, परन्तु वह इसे भी नहीं जानता।
10 इस्राएल का गर्व उसी के विरूद्व साझी देता है; इन सब बातोंके रहते हुए भी वे अपके परमेश्वर यहोवा की ओर नहीं फिरे, और न उसको ढूंढ़ा है।।
11 एप्रैम एक भोली पण्डुकी के समान हो गया है जिस के कुछ बुद्धि नहीं; वे मिस्रियोंकी दोहाई देते, और अश्शूर को चले जाते हैं।
12 जब वे जाएं, तब उनके ऊपर मैं अपना जाल फैलाऊंगा; मैं उन्हें ऐसा खींच लूंगा जैसे आकाश के पक्की खींचे जाते हैं; मैं उनको ऐसी ताड़ना दूंगा, जैसी उनकी मण्डली सुन चुकी है।
13 उन पर हाथ, क्योंकि वे मेरे पास से भटक गए! उनका सत्यानाश होए, क्योंकि उन्होंने मुझ से बलवा किया है! मैं तो उन्हें छुड़ाता रहा, परन्तु वे मुझ से फूठ बोलते आए हैं।।
14 वे मन से मेरी दोहाई नहीं देते, परन्तु अपके बिछौने पर पके हुए हाथ, हाथ, करते हैं; वे अन्न और नथे दाखमधु पाने के लिथे भीड़ लगाते, और मुझ से बलवा करते हैं।
15 मैं उनको शिझा देता रहा और उनकी भुजाओं को बलवन्त करता आया हूं, तौभी वे मेरे विरूद्ध बुरी कल्पना करते हैं।
16 वे फिरते तो हैं, परन्तु परमप्रधान की ओर नहीं; वे धोखा देनेवाले धनुष के समान हैं; इसलिथे उनके हाकिम अपक्की क्रोधभरी बातोंके कारण तलवार से मारे जाएंगे। मिस्र देश में उनके ठट्ठोंमें उड़ाए जाने का यही कारण होगा।।