Index

इब्रानियों - Chapter 4

1 इसलिथे जब कि उसके विश्रम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक है, तो हमें डरना चाहिए; ऐसा ने हो, कि तुम में से कोई जंग उस से रिहत जान पके। 
2 क्‍योंकि हमें उन्‍हीं की नाई सुसमाचार सुनाया गया है, पर सुने हुए वचन से उन्‍हें कुछ लोय न हुआ; क्‍योंकि सुननेवालोंके मन में विश्वास के साय नहीं बैठा। 
3 और हम जिन्‍होंने विश्वास किया है, उस विश्रम में प्रवेश करते हैं; जैसा उस ने कहा, कि मैं ने अपके क्रोध में शपय खाई, कि वे मेरे विश्रम में प्रवेश करने न पाएंगे, यद्यपि जगत की उत्‍पत्ति के समय से उसे काम हो चुके थे। 
4 क्‍योंकि सातवें दिन के विषय में उस ने कहीं योंकहा है, कि परमेश्वर ने सातवें दिन अपके सब कामोंको निपटा करके विश्रम किया। 
5 और इस जगह फिर यह कहता है, कि वे मेरे विश्रम में प्रवेश न करने पाएंगे। 
6 तो जब यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्रम में प्रवेश करें, और जिन्‍हें उसका सुसमाचार पहिले सुनाया गया, उन्‍होंने आज्ञा न मानने के कारण उस में प्रवेश न किया। 
7 तो फिर वह किसी विशेष दिन की ठहराकर इतने दिन के बाद दाऊद की पुस्‍तक में उसे आज का दिन कहता है, जैसे पहिले कहा गया, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो, तो अपके मनोंको कठोर न करो। 
8 और यदि यहोशू उन्‍हें विश्रम में प्रवेश कर लेता, तो उसके बाद दूसरे दिन की चर्चा न होती। 
9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगोंके लिथे सब्‍त का विश्रम बाकी है। 
10 क्‍योंकि जिस ने उसके विश्रम में प्रवेश किया है, उस ने भी परमेश्वर की नाई अपके कामोंको पूरा करके विश्रम किया है। 
11 सो हम उस विश्रम में प्रवेश करने का प्रयत्‍न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाई आज्ञा न मानकर गिर पके। 
12 क्‍योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्क़ा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारोंको जांचता है। 
13 और सृष्‍टि की कोई वस्‍तु उस से छिपी नहीं है बरन जिस से हमें काम है, उस की आंखोंके साम्हने सब वस्‍तुएं खुली और बेपरद हैं।। 
14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महाथाजक है, जो स्‍वर्गोंसे होकर गया है, अर्यात्‍ परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपके अंगीकार को दृढ़ता से यामें रहे। 
15 क्‍योंकि हमारा ऐसा महाथाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साय दुखी न हो सके; बरन वह सब बातोंमें हमारी नाई परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
16 इसलिथे आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहाथता करे।।